जीतने खराब हालातों से
आप लड़ेंगे,
कामयाबी उतनी ही बड़ी होगी
नासमझ है वो
अभी मेरी बात नही समझेगा,
मेरी जगह नही है ना
मेरी हालात नही समझेगा
मैंने आग जलाई थी
उसकी याद जलाने के लिए
लोग इकठ्ठा होने लग गए
हाथ सेंकने के लिए
कौन पूछता है
पिंजरे में बंद परिंदों को
याद वही आते है जो उड़ जाते है
जब अकेले चलने लगे गया
तब समझ मे आया
कि मैं भी किसी से कम नही
सब कहते है खुश हूं मैं
मेरा दिखावा भी कमाल का है
हम वो है
जो तुम
कभी बन नही सकते
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