शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषासंपादित करें
शिक्षा मनोविज्ञान वह विज्ञान है जो शिक्षा की समस्याओं का विवेचन, विश्लेषण एवं समाधान करता है। शिक्षा, मनोविज्ञान से कभी पृथक नहीं रही है। मनोविज्ञान चाहे दर्शन के रूप में रहा हो, उसने शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति का विकास करने में सहायता की है।
स्किनर के अनुसार : शिक्षा मनोविज्ञान, शैक्षणिक परिस्थितियों में मानवीय व्यवहार का अध्ययन करता है। शिक्षा मनोविज्ञान अपना अर्थ शिक्षा से, जो सामाजिक प्रक्रिया है और मनोविज्ञान से, जो व्यवहार संबंधी विज्ञान है, ग्रहण करता है।
क्रो एवं क्रो के अनुसार : शिक्षा मनोविज्ञान, व्यक्ति के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक सीखने सम्बन्धी अनुभवों का वर्णन तथा व्याख्या करता है।
जेम्स ड्रेवर के अनुसार : शिक्षा मनोविज्ञान व्यावहारिक मनोविज्ञान की वह शाखा है जो शिक्षा में मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो तथा खोजों के प्रयोग के साथ ही शिक्षा की समस्याओं के मनोवैज्ञानिक अध्यन से सम्बंधित है।
ऐलिस क्रो के अनुसार : शैक्षिक मनोविज्ञान मानव प्रतिक्रियाओं के शिक्षण और सीखने को प्रभावित वैज्ञानिक दृष्टि से व्युत्पन्न सिद्धांतों के अनुप्रयोग का प्रतिनिधित्व करता है।
भारत में में शिक्षा का अर्थ ज्ञान से लगाया जाता है। गाँधी जी के अनुसार शिक्षा का तात्पर्य व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा के समुचित विकास से है।
शिक्षा मनोविज्ञान के अर्थ का विश्लेषण करने के लिए स्किनर ने अधोलिखित तथ्यों की ओर संकेत किया हैः-
1. शिक्षा मनोविज्ञान का केन्द्र, मानव व्यवहार है।2. शिक्षा मनोविज्ञान खोज और निरीक्षण से प्राप्त किए गए तथ्यों का संग्रह है।3. शिक्षा मनोविज्ञान में संग्रहीत ज्ञान को सिद्धांतों का रूप प्रदान किया जा सकता है।4. शिक्षा मनोविज्ञान ने शिक्षा की समस्याओं का समाधान करने के लिए अपनी स्वयं की पद्धतियों का प्रतिपादन किया है।5. शिक्षा मनोविज्ञान के सिद्धांत और पद्धतियां शैक्षिक सिद्धांतों और प्रयोगों को आधार प्रदान करते है।
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